इंडिगो फ्लाइट संकट पर Aviation Ministry की सख्ती: कई उड़ानें अब भी रद्द होंगी, DGCA की कड़ी निगरानी जारी
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इंडिगो एयरलाइन में लगातार फ्लाइट रद्द होने और नेटवर्क गड़बड़ी को लेकर DGCA और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइन से कड़ी जवाबदेही मांगी।
DGCA ने इंडिगो को क्रू भर्ती, रोस्टर सुधार और FDTL अनुपालन पर विस्तृत एक्शन प्लान तुरंत प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए हैं।
इंडिगो ने रेगुलेटर को सूचित किया कि शेड्यूल स्थिर करने में दो महीने लगेंगे और अगले कुछ दिनों में कुछ और उड़ानें रद्द होंगी।
नई दिल्ली/ नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA ने इंडिगो एयरलाइन में पिछले कई दिनों से चल रही भारी गड़बड़ी, बड़ी संख्या में उड़ानों के रद्द होने और क्रू की कमी जैसी समस्याओं को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। नवंबर 2025 के अंतिम सप्ताह से ही इंडिगो नेटवर्क में लगातार अव्यवस्था देखी जा रही थी, जिसके कारण हजारों यात्रियों को एयरपोर्ट पर लंबे इंतजार और परेशानी का सामना करना पड़ा।
बुधवार को नागरिक उड्डयन मंत्री ने मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों और इंडिगो मैनेजमेंट के साथ आपात बैठक बुलाई। बैठक में एयरलाइन को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, इसलिए तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। मंत्रालय ने कहा कि वह स्थिति की “बारीकी से मॉनिटरिंग” कर रहा है और जरूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
DGCA ने इंडिगो से मांगी 5 बड़ी रिपोर्ट
DGCA ने इंडिगो एयरलाइन को विस्तृत योजना सौंपने के लिए कहा है, जिसमें शामिल हैं-
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नए क्रू मेंबर्स की भर्ती का समयबद्ध प्लान, और नए विमानों की डिलीवरी की टाइमलाइन।
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क्रू ट्रेनिंग और रोस्टरिंग सिस्टम में सुधार की नई प्रक्रिया, जिसमें FDTL नियमों का 100% पालन शामिल है।
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रद्द उड़ानों को कम करने और नेटवर्क को स्थिर करने के लिए तुरंत उठाए जाने वाले कदम।
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हर दो हफ्ते में प्रोग्रेस रिपोर्ट- जिसमें क्रू उपलब्धता, रोस्टर स्थिरता और ऑपरेशन सुधार का विवरण होगा।
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यदि आवश्यक हो तो FDTL नियमों में अस्थायी राहत का प्रस्ताव, जिसका मूल्यांकन DGCA करेगा।
इंडिगो ने दी चेतावनी- अभी और उड़ानें रद्द होंगी
एयरलाइन ने DGCA को बताया कि ऑपरेशन सामान्य होने में कम से कम दो महीने का समय लगेगा। साथ ही अगले 2–3 दिनों में कुछ और उड़ानें रद्द की जा सकती हैं ताकि रोस्टर को संतुलित किया जा सके और अंतिम समय पर होने वाली दिक्कतों को रोका जा सके।इंडस्ट्री विशेषज्ञों के अनुसार, यह संकट एयरलाइन में बढ़ते यात्रियों की संख्या, क्रू की सीमित उपलब्धता, FDTL नियमों की सख्ती और शेड्यूलिंग में तकनीकी खामियों के कारण उत्पन्न हुआ है।